देशभर के साहित्यकारों की उपस्थिति में गूगल मीट पर लगी "ककस की अदालत।
देशभर के साहित्यकारों की उपस्थिति में गूगल मीट पर लगी "ककस की अदालत।
प्रथम बार अनोखे आयोजन के दौरान अदालत में विश्व सभ्रांत समाज के संस्थापक, विश्वरत्न, एडव्होकेट पण्डित शीतला प्रसाद त्रिपाठी जी उपस्थित हुए।
खंडवा। प्रथम बार गूगल मीट पर देशभर के साहित्यकारों की उपस्थिति में ककस की अदालत का एक अनोखा आयोजन किया गया। जिसमें कटघरे में खड़े विश्वरत्न सभ्रांत समाज के संस्थापक, वरिष्ठ अधिवक्ता पण्डित शीतला प्रसाद त्रिपाठी पर आरोप लगाते हुए कवि कला संगम (ककस)संस्थापक सुनील चौरे उपमन्यु द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर बड़ी गम्भीरता से दिए। यह जानकारी देते हुए ककस प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि गूगल मीट पर 60 मिनिट तक चले इस अनोखे आयोजन की शुरुआत जयश्री तिवारी के वाचक स्वर में प्रार्थना से हुई। पण्डित शीतला प्रसाद त्रिपाठी से जब पूछा गया कि आप सभ्रांत समाज द्वारा "अच्छी सोच-अच्छे लोग" पैदा कर रहे हो, जिससे बुरे लोग आपसे नाराजगी व्यक्त कर रहे है, इस पर क्या कहेंगे ? अपना बचाव करते हुए पण्डित जी ने कहा कि बुरे लोगों को भी मै अपने प्रयास से अच्छी सोच दूंगा। गूगल मीट पर जुड़े देश के विभिन्न स्थानों के साहित्यकार जीपी पांडेय, केएल शर्मा, शीतला प्रसाद शुक्ला, जयश्री तिवारी, शूचिता नेगी, पूर्णिमा मलतारे, वर्षा उपाध्याय, मधुलिका अग्रवाल, शरद जायसवाल, तारकेश्वर चौरे, दीपक चाकरे, साहित्यकारों, कलाकारों, समाजसेवियों, श्रोताओं ने भी विभिन्न तरह के आरोप लगाए जिस पर बहुत ही आदर के साथ पण्डित त्रिपाठी जी ने अपना बचाव पक्ष रखा। सभी के आरोपों को सुनते हुए साक्ष्य सिद्ध न होने पर ककस की अदालत में उपस्थित न्यायाधीश के रूप में मंगला चौरे एवं निर्मल मंगवानी ने निर्णय देते हुए कहा कि पण्डित शीतला प्रसाद त्रिपाठी सभ्रांत समाज को लेकर देशभर में अच्छे कार्य कर रहे है, हजारों की तादाद में सभ्रांत समाज के सदस्य बनाने में उत्तम भूमिका निभाई है। सरस् सरल व्यक्तित्व के धनी है। आपने सभी प्रश्नों के जवाब गम्भीरता से देते हुए सत्य बातें कही है। अतः ककस की अदालत आप पर गर्व करते हुए, आप पर लगाया गए आरोपों से बाइज्जत बरी करती है। अन्त में सभी उपस्थितों का आभार पूर्णिमा मलतारे व्दारा व्यक्त किया गया।
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