कचरा साफ करो अभियान की देशव्यापी सफलता के बाद अब समय आ गया है कि "कचरा कम करो" अभियान शिद्दत से चलाया जाय।

 ।। कचरा साफ भी करें और कम भी करें ।।


कचरा साफ करो अभियान की देशव्यापी सफलता के बाद अब समय आ गया है कि "कचरा कम करो" अभियान शिद्दत से चलाया जाय।

निमाड़ प्रहरी न्यूज़ नेटवर्क

राजकुमार जैन -- स्वतंत्र विचारक

इंदौर शहर स्वच्छता के मामले में देश में छः बार नबर वन आकार एक कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। इस शहर के नागरिकों को स्वच्छता की आदत पड़ चुकी है।



लेकिन हालिया आ रही खबरें भविष्य के लिए खतरे का संकेत दे रही हैं। खबर है कि शहर में संग्रहित होने वाले कचरे की मात्रा 100 टन प्रतिदिन से भी अधिक हो चली है।


ऐसा प्रतीत होता है कि इंदौर नगर निगम द्वारा प्रदायित और संचालित बेहतरीन और प्रभावी कचरा निपटान व्यवस्था के चलते नागरिकों के मन में कचरा पैदा करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। प्रतिदिन निश्चित कचरा निपटान होते रहने के कारण उनके मन में यह भाव आता ही नहीं कि हमारे द्वारा उत्सर्जित कचरे का क्या होगा। सब इस बात के प्रति निश्चिंत हैं कि कितना भी कचरा कर लो सब पीली गाड़ी वाले ले ही जायेंगे।


लेकिन इसी तरह कचरा उत्पादन चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब प्रतिदिन इकट्ठा होने वाला यह 100 टन कचरा, 200 टन प्रतिदिन होने लगेगा। कचरा निपटान में लगे संसाधन कम पड़ जाएंगे, व्यवस्था चरमराने लगेगी और यह शहर पुनः कचराघर बनने लगेगा।


बुजुर्गों को याद होगा कि एक जमाने में इंदौर अपनी सफाई व्यवस्था के लिए दूर दूर तक मशहूर था। भैंसा गाड़ी से कचरा एकत्र किया जाता था और सुबह सुबह भिश्ती अपनी मश्कों में पानी भरकर उनसे शहर की सड़कों को धोया करते थे। चकाचक चमकता शहर था इंदौर। लेकिन लगातार बढ़ते कचरे ने इस शानदार व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया था।


हमें समझना होगा कि कचरा निपटान संसाधन असीमित नहीं हो सकते। कोई भी व्यवस्था भयावह गति से बढ़ते जा रहे कचरे के विशाल राक्षस का निपटान करने में सक्षम नहीं हो सकती।


हमें अपनी आदतें बदलकर कचरा कम करने का संकल्प लेना ही होगा नही तो भावी पीढ़ी को हम कचरे से भरा बदबू मारता शहर सौंप कर जायेंगे।


आज यह बात अतिश्योक्ति पूर्ण लग सकती है लेकिन आज से ही सावधानी बरतना शुरू नहीं किया तो यह सच भी हो सकती है।


हमें प्रयास करना होगा कि 100 टन तक पहुंच चुके इस कचरा दानव के निरंतर बढ़ते जा रहे आकार को घटाकर इसे निरंतर कमजोर करते जाएं और शहर को स्वच्छ रखने में अपना कचरा छंटाक भर कम कर नन्हा सा ही सही, कुछ तो सहयोग दें तभी हम लगातार सालों साल नंबर वन रह पाएंगे।


राजकुमार जैन

स्वतंत्र विचारक

writerrajindia@gmail.com

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