महाराष्ट्र भर में फैल रहा आई फ़्लू का संक्रमण दवाखानो मे बढी आंखो के मरीजो की संख्या,
महाराष्ट्र भर में फैल रहा आई फ़्लू का संक्रमण दवाखानो मे बढी आंखो के मरीजो की संख्या,
निमाड़ प्रहरी 9977766399
महाराष्ट्र भर में फैल रहा है आइफ्लू दवाखानो मे बढी आइफ्लू के मरीजो की संख्या,पिछले आठ दिनो से पूरे महाराष्ट्र में आईफ़्लू की बीमारी का संकरमण तेजी से फैल रहा है
। एक से दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो रहे है, आम भाषा में इसे आंख आना कहते है, ईन दिनो अस्पतालों में इस बीमारी के हर रोज 50 से अधिक मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं , इसके अलावा आंखों के निजी अस्पतालों में भी मरीजों की तादात मे बढोतरी हो रही है,
चिकित्सकों की माने तो यह बीमारी तेजी से एक से दूसरे में फैलती है, जैसा किसी प्रभावित से हाथ मिलाना , उसकी आंखों की तरफ लगातार देखना , संक्रमित के साथ रहना आदि कारणों से बीमारी का फैलाव तेजी से होता कि, इसलिए इन दिनों मेलजोल करते समय सावधानी बरतना जरुरी है हर घर मे आंखों के संक्रमण के तिन से चार मरीज है जिस मे महिला पुरुष के सात छोटे बच्चे भी ईस बिमारी की चपेट मे आ रहे है,
ईस से सावधानी बरतने की सलाह डॉक्टरो ने दी है, ईस संक्रमण मे स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है,कपड़ों व हाथों की सफाई के अलावा घर व परिसर की सफाई जरूरी है । यदि आंखों में किसी
प्रकार की तकलीफ हो रही हो , सूखापन महसूस हो रहा हो , तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले,आखों को खुजाने , मसलने से बचे दिन में 3 से 4 बार ठंडे पानी से धोना चाहिए,डॉक्टर की सलाह से ले उपचार यह आंखो की बिमारी संक्रमण बढी तेजी से फैल रहा है ईस से बचने के लिए सावधानी बरतनी चहीए दिन मे तिन से चार बार आंखो को धोना चाहिए सात ही डॉक्टर की सलाह से उपचार ले आंखो पर चशमा लगाए ताकी दुसरो पर ईस का असर ना हो,आँखों की बिमारि बरसात के मौसम में तेजी से फैलती है, यह आंखों का संक्रमण है , जो वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है । इस बीमारी से पीड़ित की आंखें लाल हो जाती हैं । आंखों से पानी बहता रहता है।आंखों में खुजली , आंखों व पलकों पर सूजन , चिपचिपापन , दर्द होना , जलन , भारीपन , धुंधला दिखाई देना आदि प्रारंभिक लक्षण है ,आंखो के संकरमण के अलग अलग प्रकार हैं ,इसमें बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस एक प्रकार है,बरसात के दिनों में स्टेफाइलोकोकस , न्यूमोकोकस , हीमोफीलिया इंफ्लूएंजा आदि जीवाणुओं के संक्रमण से होता है , दूसरा प्रकार एलर्जी कंजक्टिवाइटिस है,यह धूल ,धुआं , फूलों के परागकण , कार्बन के कण , कॉस्मेटिक्स उत्पाद के उपयोग से होता है,तीसरा केमिकल कंजेक्टिवाइटिस होता है , जो पानी में क्लोरीन की अधिक मात्रा के चलते होता है । चौथा प्रकार वायरल कंजेक्टिवाइटिस बरसात के पानी से फैलने वाले एडिनो वायरस टाइप 8 व 19 के कारण होता है,



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