Story of shrikant jichkar: 20 डिग्रियां, 42 यूनिवर्सिटी, भारत का सबसे पढ़ा-लिखा शख्स, जानकर रह जाएंगे हैरान!
Story of shrikant jichkar: 20 डिग्रियां, 42 यूनिवर्सिटी, भारत का सबसे पढ़ा-लिखा शख्स, जानकर रह जाएंगे हैरान!
निमाड़ प्रहरी 9977766399
आमतौर पर कोई व्यक्ति कितना पढ़ता है या कितनी डिग्रियां लेगा।
बेचलर डिग्री के बाद ज्यादा से ज्यादा मास्टर्स। उससे ज्यादा एमफिल या पीएचडी। या यूं कहें कि एक व्यक्ति किसी एक ही प्रोफेशन को चुन सकता है, लेकिन एक शख्स ऐसा है जिसने न सिर्फ कई कई डिग्रियां लीं, बल्कि डॉक्टर, बेरिस्टर से लेकर आईएएस और आईपीएस जाने क्या क्या बन गया। आप गिनते हुए थक जाएंगे लेकिन इस शख्स की डिग्रियां और प्रोफेशन खत्म नहीं होगा।
आइए जानते हैं इस अद्भुत, अकल्पीय व्यक्तित्व के बारे में।
इस शख्स का नाम है श्रीकांत जिचकर। श्रीकांत जिचकर का जन्म 1954 में संपन्न मराठा कृषक परिवार में हुआ था। वे भारत के सर्वाधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। श्रीकांत ने 20 से अधिक डिग्री हासिल की थीं।
कुछ रेगुलर व कुछ पत्राचार के माध्यम से। वह भी फर्स्ट क्लास। गोल्डमेडलिस्ट,कुछ डिग्रियां तो उच्च शिक्षा में नियम ना होने के कारण उन्हें नहीं मिल पाई जबकि परीक्षाएं उन्होंने दी थी।
इस प्रकार थीं उनकी डिग्रियां/ शैक्षणिक योग्यता...
वे एमबीबीएस, एमडी गोल्ड मेडलिस्ट, एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, बेचलर इन जर्नलिज्म, संस्कृत में डी.लिट. की उपाधि यूनिवर्सिटी टॉपर, एमए इन अंग्रेजी, एमए इन हिंदी, एमए इन हिस्ट्री, एमए इन साइकोलॉजी, एमए सोशियोलॉजी, एमए पॉलिटिकल साइंस, एमए आर्कियोलॉजी, एमए एंथ्रोपोलॉजी थे।
क्या-क्या नहीं बन गए
जहां तक उनके प्राफेशन की बात है तो वे डॉक्टर थे, बैरिस्टर भी रहे।
आईपीएस और आईएएस अधिकारी भी रहे। वे विधायक थे। मंत्री, सांसद भी रहे। चित्रकार और फोटोग्राफर भी थे। वे मोटिवेशनल स्पीकर भी रहे। पत्रकार भी और कुलपति भी बने। संस्कृत,गणित, इतिहासकार, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र का भी ज्ञान रखते थे। उन्होंने कविताएं भी लिखीं।
आइए जानते हैं इस अद्भुत, अकल्पीय व्यक्तित्व के बारे में।
इस शख्स का नाम है श्रीकांत जिचकर। श्रीकांत जिचकर का जन्म 1954 में संपन्न मराठा कृषक परिवार में हुआ था। वे भारत के सर्वाधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। श्रीकांत ने 20 से अधिक डिग्री हासिल की थीं।
कुछ रेगुलर व कुछ पत्राचार के माध्यम से। वह भी फर्स्ट क्लास। गोल्डमेडलिस्ट,कुछ डिग्रियां तो उच्च शिक्षा में नियम ना होने के कारण उन्हें नहीं मिल पाई जबकि परीक्षाएं उन्होंने दी थी।
इस प्रकार थीं उनकी डिग्रियां/ शैक्षणिक योग्यता...
वे एमबीबीएस, एमडी गोल्ड मेडलिस्ट, एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, बेचलर इन जर्नलिज्म, संस्कृत में डी.लिट. की उपाधि यूनिवर्सिटी टॉपर, एमए इन अंग्रेजी, एमए इन हिंदी, एमए इन हिस्ट्री, एमए इन साइकोलॉजी, एमए सोशियोलॉजी, एमए पॉलिटिकल साइंस, एमए आर्कियोलॉजी, एमए एंथ्रोपोलॉजी थे
जहां तक उनके प्राफेशन की बात है तो वे डॉक्टर थे, बैरिस्टर भी रहे।
आईपीएस और आईएएस अधिकारी भी रहे। वे विधायक थे। मंत्री, सांसद भी रहे। चित्रकार और फोटोग्राफर भी थे। वे मोटिवेशनल स्पीकर भी रहे। पत्रकार भी और कुलपति भी बने। संस्कृत,गणित, इतिहासकार, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र का भी ज्ञान रखते थे। उन्होंने कविताएं भी लिखीं।
होम शिक्षा ये थे देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे नेता, कोई नहीं तोड़ पाया डिग्रियों का रिकॉर्ड
ये थे देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे नेता, कोई नहीं तोड़ पाया डिग्रियों का रिकॉर्ड
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में डॉ. श्रीकांत जिचकर का नाम दर्ज है, उन्हें भारत के सबसे योग्य व्यक्ति के रूप में चुना गया है. डॉ. श्रीकांत जिचकर के पास कुल 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं.
ये थे देश के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे नेता, कोई नहीं तोड़ पाया डिग्रियों का रिकॉर्ड
डॉ. श्रीकांत जिचकर ( Image Source : ABP Graphics )
NEXTPREV
भारत जैसे देश में लोगों की पढ़ाई लिखाई और उनकी डिग्री से उन्हें जज किया जाता है. हालांकि, जब हम अपने नेताओं को चुनते हैं तो यह बातें भूल जाते हैं. इसका एक कारण यह भी है कि भारत में चुनाव लड़ने वाले ज्यादातर नेता बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, कुछ की स्थिति तो इतनी दयनीय है कि उन्हें सही से हिंदी और अंग्रेजी भी पढ़ना नहीं आता. लेकिन इसके बावजूद भी वह देश में बड़े पदों पर आसीन हैं. हालांकि, आज हम अनपढ़ नेताओं की नहीं... बल्कि देश के एक ऐसे पढ़े-लिखे नेता की बात कर रहे हैं, जिनके पास इतनी डिग्रियां थीं कि उन्हें एक टेबल पर रखना भी मुश्किल हो जाए. अगर आप सोच रहे हैं कि ये नेता बाबा साहेब डॉ.क्टर भीमराव अंबेडकर थे, तो आप गलत हैं... इनका नाम डॉ. श्रीकांत जिचकर था. इनके पास 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं.
कौन थे डॉ. श्रीकांत जिचकर
डॉ. श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को नागपुर में हुआ था. 1973 से 1990 के बीच डॉ. श्रीकांत ने 42 विश्वविद्यालयों के परीक्षा दिए. इनमें से 20 में उन्होंने सफलता हासिल की. ज्यादातर परीक्षाओं में वह फर्स्ट डिवीजन पास हुए, जबकि कई में उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला. यहां तक कि डॉ. श्रीकांत जिचकर ने देश की सबसे कठिन परीक्षा आईपीएस का एग्जाम भी पास किया था. हालांकि, वह ज्यादा दिनों तक इस नौकरी में नहीं रहे और उन्होंने इससे अपना त्यागपत्र दे दिया. इसके बाद उन्होंने आईएएस का एग्जाम पास किया और उस नौकरी में भी उन्होंने 4 महीने बाद ही रिजाइन दे दिया और फिर राजनीति में आ गए.
4
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में डॉ. श्रीकांत जिचकर का नाम दर्ज है, उन्हें भारत के सबसे योग्य व्यक्ति के रूप में चुना गया है. डॉ. श्रीकांत जिचकर के पास कुल 20 से ज्यादा डिग्रियां थीं. इनमें पॉलिटिक्स, थिएटर और जर्नलिज्म में वह रिसर्च भी कर चुके हैं. उन्होंने कई विषयों में मास्टर्स की डिग्री ली है, जबकि पत्रकारिता के साथ एमबीए और बिजनेस स्टडीज में उन्होंने डिप्लोमा भी किया था. डॉ. श्रीकांत जिचकर एमबीबीएस और एमडी भी पास कर चुके थे. उन्होंने इंटरनेशनल लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया था और D.Litt की परीक्षा भी पास की थी.
डॉ. श्रीकांत जिचकर कब बने नेता
साल 1980 में उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत कर 26 साल की उम्र में देश के सबसे युवा विधायक बने. राजनीति में उनकी पकड़ इतनी ज्यादा अच्छी थी कि उन्हें एक ताकतवर मंत्रालय मिला. उन्हें एक दो नहीं बल्कि 14 विभाग सौंपे गए. यहां तक की साल 1986 से 1992 तक वह महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे और इसके बाद 1992 से 1998 तक राज्यसभा के सांसद रहे. हालांकि, 2 जून 2004 को श्रीकांत जिचकर का नागपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. लेकिन मृत्यु के बाद भी इस नेता ने भारतीय राजनीति में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है और आज तक ऐसा कोई नेता नहीं बना... जिसके पास डॉ.क्टर श्रीकांत जिचकर से ज्यादा डिग्रियां हों.


Comments
Post a Comment