नवचंडी मेले में हुआ कराओके नाइट "रंग गीत संगीत के" का हुआ आयोजन। सुरीले गीतों से गायकों ने समा बांधा

 नवचंडी मेले में हुआ कराओके नाइट "रंग गीत संगीत के" का हुआ आयोजन। सुरीले गीतों से गायकों ने समा बांधा

-------------निमाड प्रहरी- 9977766399

खंडवा के नवचंडी देवीधाम में चल रहे मेले के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक,धार्मिक आयोजन भी लगातार हो रहे हैं। इसी कड़ी में रंग पंचमी की पूर्व संध्या पर नवचंडी मंच पर सुरीले गीतों की महफिल सजी 'रंग गीत संगीत के। 

कार्यक्रम में खंडवा के कराओके क्लब से जुड़े प्रतिभाशाली गायको ने एक से बढ़कर एक गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत सत्येंद्र सोहनी ने मां नवचंडी की स्तुति से की। इसके बाद प्रहलाद राजानी ने सजन रे झूठ मत बोलो, आलोक खेड़ेकर ने ओ मेरी महबूबा, इमरान शेख ने फिल्म तेरे नाम का जोगिया लगन लगी, ओम प्रकाश चतुर्वेदी ने पूछे जो कोई मुझे बहार कैसी होती है प्रस्तुत किए। गोपाल भारद्वाज और विजय द्विवेदी ने युगल गीत गाया प्यार में कभी-कभी ऐसा हो जाता है। सत्येंद्र सोहनी ने रुक जाना ओ जाना हमसे दो बातें करके चली जाना पेश किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रफुल्ल मंडलोई सभी गीतों की पृष्ठभूमि और उनसे जुड़ी रोचक घटनाएं भी बता रहे थे जिससे दर्शकों गीतों से जुड़ कर आनंद ले रहे थे। उन्होंने मो.रफी का गीत लाखों है निगाह में जिंदगी की राह में प्रस्तुत किया। शोभा संगीतालय के मध्यम से संगीत की शिक्षा दे रहे सुदीप मुखर्जी ने दिल दिया गल्ला, आलोक खेड़ेकर और विजया द्विवेदी ने ये गोटेदार लहंगा निकलूं जब डाल के, प्रशांत डोंगरे ने दिल को देखो चेहरा ना देखो, संदीप डोंगरे ने प्राण द्वारा अभिनीत गीत हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है की प्रस्तुति दी। युवा गायक इमरान शेख ने तू ही मेरी शब है सुबह है तू ही दिन है मेरा गाया। इसके बाद फागुन की मस्ती को मंच पर पेश किया प्रशांत डोंगरे और विजया द्विवेदी ने अपने युगल गीत योगी जी धीरे-धीरे से। प्रफुल्ल मंडलोई ने दीवाना मुझ सा नहीं इस अंबर के नीचे, गोपाल भारद्वाज ने गुंचे लगे हैं कहने, सत्येंद्र सोहनी ने ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत,संदीप डोंगरे और विजया द्विवेदी ने फिल्म चलती का नाम गाड़ी का हाल कैसा है जनाब का पेश किया। संचालन कर रहे प्रफुल्ल मंडलोई ने बताया कि सीपीवी  13 नंबर की गाड़ी छोटे दादाजी को किसी राजा ने भेंट की थी ये गाड़ी अभी भी खंडवा के धूनीवाले दादा दरबार में रखी है, किशोर दा के पिताजी कुंजीलाल गांगुली दादाजी के अनुयायी थे। उन्होंने इसी मेक मॉडल की फोर्ड कार खरीदी थी जिसका नंबर सीपीवी 65 था और खरीदने के 30 साल बाद इस गाड़ी को उनके तीनों बेटों किशोर कुमार,अशोक कुमार, अनूप कुमार ने अपनी फिल्म चलती का नाम गाड़ी से पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में सुदीप मुखर्जी ने भाव प्रवण गीत बजाओ ढोल स्वागत में मेरे मेरे घर राम आएंगे प्रस्तुत किया। इसके बाद प्रहलाद राजानी ने फिल्म आवारा का टाइटल गीत आवारा हूं गाया। कराओके नाईट का समापन ओमप्रकाश चतुर्वेदी द्वारा प्रस्तुत येसुदास के मधुर गीत ओ गोरिया रे के साथ हुआ। मंदिर प्रमुख एवं मेला आयोजक बाबा गंगाराम ने सभी कलाकारों को आशीर्वाद दिया उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से बच्चों के लिए रामचरित मानस चौपाई गायन की प्रतियोगिता रखने के साथ ही धर्म,संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम भी किए जायेंगे ताकि हमारी नई पीढ़ी भारत की अमूल्य विरासत से परिचित हो सके। इस अवसर पर  मेला संयोजक निर्देश वर्मा, गंगेश वर्मा, मेला सहसंयोजक राम चंद्रवंशी, संतोष मोटवानी, राकेश दशोरे, प्रमोद जैन, डॉ.शरद अग्रवाल,डॉ.नरेंद्र जैन, गणेश भावसार, लव जोशी सहित शहर के संगीत प्रेमियों ने पूरे समय बैठकर सुरीली गीतों का आनंद लिया।

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