यह शेर डॉ शशांक लोवंशी को नजर करना चाहूंगा जिसने यह बताया की
जिस दिन से चला हूं मंजिल पर नजर है ।
कभी आंखो ने मील का पत्थर नहीं देखा ।
यह शेर डॉ शशांक लोवंशी को नजर करना चाहूंगा जिसने यह बताया की
कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं होता ।
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो ।
निमाड़ प्रहरी 9977766399
खंडवा (निमाड प्रहरी) एक एक्सीडेंट में शशांक का निचला हिस्सा पूरी तरह पैरालिसिस हो चुका उसके बाद हिम्मत और मेहनत से शशांक ने ना सिर्फ अपना एमबीबीएस कंप्लीट किया साथ ही पीजी की कठिन परीक्षा पास करके मध्य प्रदेश के नंबर वन महात्मा गांधी
मेडिकल कॉलेज में एमडी (पैथोलॉजी ) की सीट अर्जित की शशांक ने उन सब लोगों के लिए एक उदाहरण पेश किया जो मुकद्दर को ज्यादा तरजीह देते हैं उन सबके लिए शशांक ने बताया कि मेहनत और हिम्मत से कोई चीज मुश्किल नहीं में शशांक की मेहनत में उसके माता-पिता का कठिन परिश्रम और उनका मोटिवेशन जो शशांक के मुश्किल दिनों में हर पल उसके साथ रहा और दोनों माता , पिता शशांक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे और उसको इस बात का यकीन दिलाते रहे कि यह जो परेशानी है इसको तुम अपनी मेहनत और शिक्षा से अपनी इस कमजोरी से उभर जाओगे ।
बहुत मुबारकबाद डॉ शशांक लोवंशी और मेरे बड़े भाई डॉक्टर दिनेश लोवंशी को दोनों की शख्सियत के लिए एक शेर से अपनी बात खत्म करना चाहूंगा
जहाँ रहेगा वही रोशनी लुटाएगा ।
किसी चराग का अपना मकां नही होता ।...निमाड़ प्रहरी समाचार पत्र की ओर से उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं

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