शब्द कोष में कोई शब्द नहीं हैं ऐसे महान पुरुष के लिए जो कि आखरी समय भी सेवा, त्याग और समर्पित ऐसे महान पुरुष को श्रद्धांजलि।

 शब्द कोष में कोई शब्द नहीं हैं ऐसे महान पुरुष के लिए जो कि आखरी समय भी  सेवा, त्याग और समर्पित ऐसे महान पुरुष को श्रद्धांजलि।

निमाड प्रहरी-997776639 

शब्द कोष में कोई शब्द नहीं हैं ऐसे महान पुरुष के लिए जो कि आखरी समय भी  सेवा, त्याग और समर्पित ऐसे महान पुरुष को श्रद्धांजलि।


संघ के वरिष्ट स्वयं सेवक श्री नारायण भाउराव दाभाडकर को कोविड होने पर बहुत मुस्किल से नागपुर के एक अस्पताल मे बेड की व्यवस्था हुई ,उनका ओ2 लेवल 60 पर था ,ड़ाकटरो ने उन्हे तुरन्त ऑक्सीजन लगाई ओर इलाज शुरु किया 

इसी समय एक महिला एक 40 वर्षीय पुरूष को लेकर अस्पताल आई ,उस पुरुस की हालत बहुत खराब होने के कारण बेड की मांग करने लगी चूकि बेड उप्लब्ध ही नही था यह सुनकर वो महिला रोने लगी,,यह घटना नारायण जी ने देख ली उन्होने डाकटर से कहा की मेरी उम्र 85 वर्ष है मेने अपनी जिन्दगी जी ली है यह अभी युवा है इसका इलाज जरुरी है ओर नारायण जी ने लिखकर दे दिया की मे स्वेक्षा से यह बेड खाली कर रहा हू 

तीसरे दिन नारायण जी इस दुनिया को छोडकर प्रभू धाम  चले गये 

यह होते है संघ के संस्कार जो दूसरो के लिये अपना जीवन भी दाव पर लगाने से नही चूकते है

पुण्य तिथि पर सादर नमन

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