14वी पुण्यतिथि* पुर्व मंत्री श्री तनवन्तसिह कीर की पुण्यतिथि पर भावपुर्ण विनम्र श्रद्घान्जली

 14वी पुण्यतिथि*


पुर्व मंत्री श्री तनवन्तसिह कीर की पुण्यतिथि पर भावपुर्ण विनम्र श्रद्घान्जली 

------------निमाड प्रहरी समाचार पत्र ----------------

         म. प्र. शासन के पुर्व केबिनेट मंत्री रहे प्रदेश कांग्रेस के लोकप्रिय वरिष्ठ नेता स्व. तनवन्तसिह कीर साहब की 17 जून को  पुण्यतिथि है l


अपने राजनीतिक जीवन मे गतिशील और लोकप्रियता के शिखर पर रहे निमाड जिले का एक जन नेता, जन सेवा और समर्पण की राजनीति का एक कर्मयोगी, बुरहानपुर और खन्डवा निमाड जिले की राजनीति को लोकनीति की दिशा देने वाला एक राजनीतिक चिन्तक व एक संवेदनशील जन नेता 17जून 2011को हमने खो दिया था l समाज सेवा का भाव और दूसरों के दुख देखकर द्रवित होने वाली उनकी करुणा और संवेदनशिल वृति के कारण ही श्री कीर सही अर्थो मे जननायक और जन-जन के नेता थे lउनके निधन के बाद कांग्रेस की राजनीति मे आई रिक्तता और उनकी कमी आज भी महसूस की जाती है l स्वतंत्रता सेनानी रहे अपने स्वर्गीय पिता से मिले संस्कारो के कारण वे गांधीवादी स्वतन्त्रता सेनानी स्व. लक्ष्मीदास मास्टर के सम्पर्क में आये और वीर सन्तरी तथा मुम्बई से प्रकाशित

साप्ता.पत्रिका करंट से पत्रकारिता कर अपनी रचनात्मक वृति से सतत जनसेवा करते हुए नवरात्री व्याख्यान माला, रोटरी क्लब राष्ट्रभाषा प्रचार समिति आदि अनेक महत्वपुर्ण संस्थाओ के जरिये उन्होने अनेक बौद्धिक और रचनात्मक काम करते हुए वे जनसेवक से जननेता बने और सतत जनसेवा और जन आग्रह के कारण नेपानगर से विधायक फिर राज्य मंत्री और फिर केबिनेट मंत्री बने l गैस पिडीत मन्त्रालय का दायित्व भी उन्हे उनकी भावनाशिल सेवा वृति के कारण ही मिला था l उनका व्यक्तित्व असाधारण था और आत्मियता ऐसी की हर कोई  मिलने वाला उनकी आत्मियता से प्रभावित होता था और फिर उनका ही हो जाता था l राजनीतिक जीवन में वे गांधी विचार से प्रभावित थे और राजनीतिक शुचिता को महत्व देते थे l गान्धी विचार मे उनकी गहरी आस्था थी l इसी वजह से वे तत्कालिन सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य स्तरिय महात्मा गांधी 125वी जन्म जयंती समारोह समिति मे भी महत्वपूर्ण पद पर रहे l अपने निर्वाचन क्षेत्र के दूर-दराज के वन आच्छादित इलाको मे रहने वाले गरीब आदिवासियो के वे मसीहा थे l धर्म निरपेक्ष राजनीति के आदर्श व सद्भावना के वे सिपाही थे l 1984 मे दंगा और कर्फ्यू ग्रस्त इलाको मे अपने जान की परवाह किए बिना उन्होने शान्ति के दूत और सदभावना के सिपाही के रुप मे शान्ति स्थापना मे महत्वपूर्ण  भूमिका निभाई थी और प्रभावित इलाको मे जरूरत मन्द लोगो को अन्न व जीवन की आवश्यक वस्तुये मुहैया कराई थी l  अनेक उपलब्धियो के साथ चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में बुरहानपुर और ख़न्डवा मे स्थापित डेन्टल कालेज, दादा धूनीवाला कालेज और रुषिराज कालेज उनके कार्यकाल की महत्वपुर्ण उपलब्धिया है l 

उनके असाधारण व्यक्तित्व और उदार सेवा कार्यो के कारण  वे आज भी याद किये जाते है l उनकी  14 वी पुण्यतिथि पर उनका भाव पुर्ण स्मरण करते हुए उनके जीवन,कर्म और


व्यक्तित्व को श्रद्धापुर्वक शत शत नमन ..
निमाड़ प्रहरी न्यूज़ नेटवर्क मध्य प्रदेश 


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