खंडवा : धर्म नगरी ओमकार पर्वत पर बसा आदिगुरु शंकराचार्य लोक


     खंडवा : धर्म नगरी ओमकार पर्वत पर बसा आदिगुरु शंकराचार्य लोक

निमाड प्रहरी-9977766399 

खंडवा।( निमाड प्रहरी) मध्य प्रदेश खंडवा जिले की सतपुड़ा पर्वत पर मां नर्मदा के आंचल में बसा आदिगुरु शंकराचार्य लोक भगवान भोलेनाथ का


अवतार माने जाते है1 से 7 वर्ष की आयु में ही आदिगुरु शंकराचार्य ने वेद विधान आदि का ज्ञान प्राप्त कर लिया था इन के माता पिता ने इन का नाम शंकर रखा था बालक शंकर 8 वर्ष की आयु में ही शास्त्रार्थ करने की क्षमता रखता था 8 वर्ष की आयु में ही बालक शंकर को नर्मदा नदी के किनारे  स्वामी गोविंद भागवत से ही शिक्षा ली छोटू आयु में ही वह योग सिद्ध महात्मा हो

गए थे तब गुरु ने कहा काशी तट पर विधान सूत्र का भाष्य लेने को कहा वह काशी

पहुंच गए उन्होंने काफी संतो को ज्ञान दिया और वेदों निर्माण भी किया काशी में उन्हें भगवान विश्वनाथ ने उन्हें चांडाल के रूप में दर्शन दिए तथा उन्हें ब्रह्मसूत्र का भाष्य लिखने को कहा गंगा के तट पर इनका एक विद्यमान ब्राह्मण के साथ आठ दिनों तक शास्त्रार्थ भी हुआ बाद में पता लगा कि भगवान वेदव्यास ही ब्राह्मण का रूप धारण कर आए थे भगवान वेदव्यास बालक शंकर से प्रसन्न हुए और उनकी 16 वर्ष की आयु को 32 वर्ष कर दि अदैत हिंदू धर्म का प्रचार करने के लिए कहा

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