मानव सेवा ही उन का संकल्प था....श्रीनारायण जी गुप्ता

  मानव  सेवा ही उन का संकल्प था....श्रीनारायण जी गुप्ता

निमाड प्रहरी--9977766399 

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खंडवा निमाड प्रहरी   स्वर्गीय श्री श्रीनारायण जी

में शिव भक्ति विशेष रूप से समाहित थी, इसी का परिणाम था कि वे चाहे नेपानगर में रहे हो, खंडवा में कलेक्टर बंगले के पास एम पी ई बी कॉलोनी में या सुभाष नगर में हमेशा ही शिव मंदिर उनके घर के नजदीक ही था और नहीं था तो उसके निर्माण में पूर्ण सहयोग किया। भक्ति और सेवा भाव के गुण ने ही उन्हें रिटायरमेंट के पश्चात भी पुट पूर्ति के श्री सत्य साई सेवा संस्थान से जुड़ाव की ओर प्रेरित किया । खंडवा में वह भी उनके घर के निकट ही साइन सुमिरन के नाम से स्थित है वहां उन्हें सेवा का अवसर मिला
साई के सभी सेवा प्रकल्पों में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और उसे अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बना लिया ।प्रतिदिन मंदिर में साफ सफाई से लेकर भगवान को भोग की व्यवस्था,एवम रखरखाव, प्रति शनिवार होने वाले सुंदरकांड के आयोजन में और प्रति माह नारायण सेवा की महत्वपूर्ण प्रकल्प के साथ ही रेलवे स्टेशन पर तीन चार माह तक लगातार लगने वाले प्याऊ में रेल यात्रियों को शीतल और स्वच्छ जल वितरण में सुबह दोपहर शाम किसी भी समय में अपना योगदान बिना किसी के कहे स्वप्रेरणा से किया और अन्य को भी इस हेतु प्रोत्साहित किया, इसका ही परिणाम था यह सेवा प्रकल्प पूरे शहर में अपना एक विशेष स्थान रखता है ।इसी प्रकार दादाजी धूनी वाले के गुरु पूर्णिमा पर्व पर लगने वाले जूता चप्पल स्टैंड पर भी और उन्होंने अपनी सेवाएं देकर किसी भी कार्य चाहे वह छोटा या बडा में भेद न करते हुए अपना योगदान किया ।

ईश्वर की कृपा से उनके बड़े पुत्र मनीष गुप्ता रेल विभाग में अकाउंट ऑफिसर के पद पर भोपाल में कार्यरत हैं और दूसरे पुत्र नीतीश गुप्ता विप्रो में टीम लीडर के रूप में पुणे में कार्यरत होकर अपने कर्तव्य का पिता से प्राप्त गुणों के अनुसार ही पालन कर रहे हैं ।

हमने उन्हें कभी किसी को कठोर वचन कहते हुए नहीं सुना हमेशा शांत  सह्रदय, हंसमुख और प्रेम बढ़ाने वाले कर्मठ व्यक्तित्व के रूप में ही जाना ऐसे व्यक्तित्व हमेशा से ही प्रेरणादाई रहे हैं। 

उनकी मित्रता की भी एक अलग ही मिसाल है जिससे भी मित्रता की उसे अंत तक निभाया और उसे कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह मुझे भूल गए हैं। इसका एक उदाहरण अपने बचपन के मित्र स्वर्गीय श्री भारत चंद माहेश्वरी से उनकी मित्रता इतनी प्रगाड़ थी कि यदि किसी आयोजन में कोई एक पहुंच जाए तो दूसरे के बारे में जानने को उत्सुक रहते थे कि वह किस कारण से नहीं आ पाए। यह सुखद  योग ही था कि बाद में वही सबसे घनिष्ठ मित्र उनके सगे साडू बने और उसे जीवन पर्यंत उन्होंने जोड़ी के रूप में निभाया। यह सिलसिला भारत चंद्र जी की मृत्यु के पश्चात भी प्रतिदिन उनके घर पर जाकर परिवार की कुशल क्षेम की जानकारी लेना और यदि कोई कार्य हो तो सहर्ष करना और सुख-दुख में सभी पर निरंतर अपना सहयोग बनाए रखना अंतिम समय तक जारी रहा।

उनकी किसी भी कार्य को सीखने की ललक भी इतनी थी कि रिटायरमेंट के पश्चात उन्होंने कार चलाना और तैरना सीखा, बैडमिंटन तो शुरू से ही खेलते थे पर हॉकी और क्रिकेट का भी उतना ही शौक था वह टी वी पर कोई भी मैच आए उसे देखने से नहीं चूकते थे और उसे पूरे आनंद से देखते थे।

इसी प्रकार उनकी दानशीलता की भी अलग ही कहानी है अपनी क्षमता से अधिक तन मन धन से सहयोग करने में वह हमेशा तत्पर रहते थे चाहे पारिवारिक ,सामाजिक, धार्मिक, सार्वजनिक आयोजन ही क्यों ना हो। इसी कड़ी में उनकी इच्छा के अनुरूप मृत्यु के पश्चात भी उनकी धर्मपत्नी और दोनों पुत्रों ने उदारता पूर्वक श्री धाकड महेश्वरी धर्मशाला खंडवा को रुपए एक लाख की राशि का चेक सहयोग के रूप में प्रदान कर एक सकारात्मक पहल करते हुए समाज के उत्थान में एक आदर्श प्रस्तुत किया है ऐसे सहायक,  और

दानशील व्यक्तित्व के धनी स्वर्गीय श्री श्रीनारायण जी गुप्ता चांडक के श्री चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।.निमाड़ प्रहरी न्यूज़ नेटवर्क मध्य प्रदेश...संपादक अश्विनी गुप्ता नयन ..रुपेश जी गुप्ताजी सचिव स्थानीय समिति' खंडवा




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