पुत्र का पत्र पिता के नाम
"पापा"
पुत्र का पत्र पिता के नाम...
आपको,आज पूरे 2 साल हो गए,परिवार को अलविदा कहने को,परिवार के सभी लोग कुशल से है,सभी नियम से आपके द्वारा बताए गए कामों को कर रहे,संभवता
आपके द्वारा सिखाए गए नियम,दिए गए निर्देश का पालन भी सभी बखूबी निभा रहे,आने वाले साल मैं परिवार मैं शादियां भी होना है,मुझे मालूम है आपका आशीर्वाद परिवार पर बना हुआ है,इसलिए तो परिवार मैं खुशियों की कोई कमी नहीं है,लेकिन दुःख सहन करने की शक्ति भी देते रहना,आप तो सबको छोड़ कर प्रभु के धाम चले गए, लेकिन आपको कोई भुला नहीं पाया,आपके जाने का दुःख सभी को है,"लेकिन" जब कभी पारिवारिक समारोह का फोटो,वीडियो देखते है ,तब "कुक्की" को रोते हुए देखना मेरे लिए बहुत कठिन हो जाता,फिर भी मैं उसकी पीठ पर हाथ रखकर थप, थपा,देता हूं । आने वाले साल मैं आप अपना आशीर्वाद उनको भी देना,जो परिवार की सदस्य संख्या कम करके ना जाने किसके "परिवार" को खुशियां देगी,उसमे रोशनी,भारती,गुड़िया शामिल है। आप इतनी शक्ति,संबल हम सभी को जरूर दे,ताकि इनकी शादियां हम सभी अच्छे से कर सके,आप इनकी शादियों मैं आना जरूर,ये जितना प्यार आपसे करती है,आप भी इन लड़कियों को उतना ही प्यार करते थे।
है "प्रभु" मेरी ये चिट्ठी मेरे पापा तक जरूर भेजना वो जहां भी हो!
हालांकि मुझे भरोसा है की पापा ने "काया" जरूर छोड़ी है पर उनका "साया" हम सभी लोगों के ऊपर बना हुआ है। "मिस यू पापा"--आपका पुत्र हर्षवर्धन तिवारी खंडवा

Comments
Post a Comment