नेपा लिमिटेड में जनजातीय गौरव दिवस पर जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवं चिंतक श्याम सिंह ठाकुर द्वारा संवादात्मक कार्यशाला आयोजित की गई .
नेपा लिमिटेड में जनजातीय गौरव दिवस पर जिले के वरिष्ठ साहित्यकार एवं चिंतक श्याम सिंह ठाकुर द्वारा संवादात्मक कार्यशाला आयोजित की गई ...
निमाड प्रहरी समाचार पत्र 9977766399
नेपा नगर( निमाड प्रहरी) भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के उपक्रम नेपा लिमिटेड में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवंबर से 26 नवंबर तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रमों की फेहरिस्त में गुरुवार को नेपा लिमिटेड के प्रशासनिक भवन स्थित केंद्रीय सम्मेलन कक्ष में अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राकेश कुमार चोखानी की अध्यक्षता में जिले के वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक, कवि और चिंतक श्याम सिंह ठाकुर द्वारा भारत के स्वाधीनता संग्राम और सामाजिक उत्थान में जनजातीय नायकों का योगदान विषय पर एक संवादात्मक कार्यशाला आयोजित की गई। सीएमडी राकेश कुमार चोखानी द्वारा मुख्य वक्ता साहित्यकार श्याम सिंह ठाकुर का पुष्पगुच्छ, शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह के साथ अभिनंदन किया गया। अपने उद्बोधन में सीएमडी चोखानी ने श्याम सिंह ठाकुर जैसे मूर्धन्य साहित्यकार के सानिध्य को गौरव का विषय बताते हुएं कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के गौरवपूर्ण आयोजन में जनजातीय राष्ट्रनायकों की उल्लेखनीय भूमिका के विषय में आपका एक एक शब्द हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों का ज्ञानवर्धन करेगा। हमें आपसे हमारी माटी से जुड़े वीर वीरांगनाओं का वास्तविक इतिहास जानने का यह अवसर और अनुभव हमारे व्यक्तित्व निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका निभाएगा। जन संपर्क अधिकारी संदीप ठाकरे ने बताया कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय के निर्देशन में जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से बुरहानपुर जिले के ख्यात साहित्यकार श्याम सिंह ठाकुर की कार्यशाला में देश के मूलनिवासी नायकों का वास्तविक संघर्ष जानना और समझना हम सबके लिए जीवन का एक अमूल्य क्षण हैं। यह प्रेरणादायक इतिहास और जनजातीय नायकों के अनछुए ऐतिहासिक प्रसंग हमें आजीवन देशभक्ति से आंदोलित रखेंगे। मुख्य वक्ता श्याम सिंह ठाकुर ने स्वरचित दोहों से कार्यशाला को संबोधित किया तो पूरा वातावरण देशभक्ति में रम गया। उन्होंने काव्यात्मक शैली में अपनी बात प्रारंभ करते हुए कहा
"मेरा जल, जंगल मेरे, मां हैं मेरी जमीन। किसमें हैं साहस यहां, जो ले मुझसे छीन।।
मूलनिवासी देश के सहते सर्दी- धूप।
सीधे सादे हैं बहुत, भोला भाला रूप।।
भाला गोफन हाथ में, हैं गुलेल और तीर।
मेहनत से ही प्यार है, कसा हुआ ये शरीर।।
क्रांतिसूर्य बिरसा हुएं, तेजस्वी भगवान।
अधिकारों के वास्ते, किया स्वयं बलिदान।
माटी में जन्में बहुत आदिवासी वीर।
राष्ट्र प्रेम की वेदी पर, दान किया है शरीर।।
आगे अपनी बात को जारी रखते हुएं उन्होंने कहा कि जब जब भी देश पर संकट के बादल मंडराएं हैं, प्राकृतिक आपदाएं या शत्रुओं द्वारा आक्रमण हुएं हैं, तब तब जनजातीय समाज एक मजबूत ढाल बनकर मातृभूमि की रक्षा के लिए सबसे पहले पूरी ताकत से मैदान में आया है। न केवल निमाड़ और मालवा अपितु, मध्यप्रदेश और देश के हर कोने में उत्तर में विंध्याचल से लेकर दक्षिण पश्चिम में सहयाद्रि के पश्चिमी घाट तक जनजातीय नायकों का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। भारत की अस्मिता की खातिर असंख्य जनजातीय वीरों और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। हमें हमारे इन मूलनिवासी राष्ट्र नायकों का इतिहास पढ़ना चाहिए और हमारी युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करना चाहिए। कार्यशाला में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, शहीद टंट्या भील, भीमा नायक, सीताराम कंवर, रघुनाथ सिंह मंडलोई, बुधु भगत, झलकारी बाई, रानी दुर्गावती, अवंतीबाई, खाज्या नायक, राजा शंकर शाह, रघुनाथ शाह जैसे महान जनजातीय योद्धाओं और उनके गौरवशाली इतिहास पर चर्चा की गई। कार्यशाला में महाप्रबंधक विपणन अजय गोयल, प्रबंधक वाणिज्य राजेंद्र जाधव, प्रबंधक सतर्कता प्रकोष्ठ संजीव कानडे, सहायक प्रबंधक विपणन प्रशांत सोनी, उमाशंकर द्विवेदी, आभा महतो, शिरीष येलवनकर, मुनीश्वर धीमन, सुरेश रघुवंशी, प्रभुलाल जायसवाल, युवराज मोदी, मिलिंद किरंगे, सुषमा गौर, संगीता लाल, रीतिका भमोरे, सपना दुबे, संदीप माले, ईशान व्यास, पंकज गुजर, शिवनन्दन उमाले, आदित्य केशरी, कनक गुरव, खुशी पदराम, तारिणी नागवंशी, कोमल राठौड़, गिरीश वर्मा, गजेंद्र बुनकर सहित कई अफसर कर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन जन संपर्क अधिकारी संदीप ठाकरे ने किया और आभार सामान्य प्रशासन के अधिकारी उमाशंकर द्विवेदी ने माना।
संदीप ठाकरे,
जन संपर्क अधिकारी




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