शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के सदस्यों के द्वारा माननीय जबलपुर हाईकोर्ट में गन्ना फैक्ट्री के संबंध में एक याचिका दायर की.
बुरहानपुर मध्य प्रदेश
शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के सदस्यों के द्वारा माननीय जबलपुर हाईकोर्ट में गन्ना फैक्ट्री के संबंध में एक याचिका दायर की.
निमाड प्रहरी समाचार पत्र
बुरहानपुर (निमाड प्रहरी) नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित नवल नगर जिला बुरहानपुर शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के सदस्यों के द्वारा माननीय जबलपुर हाईकोर्ट में गन्ना फैक्ट्री के संबंध में एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने
अपनी मुख्य बात रखी थी की तत्कालीन कलेक्टर भव्या मित्तल को जे आर इंदौर मकवाना जी और नवल सिंह कारखाना के तत्कालीन प्रबंध संचालक द्वारा एक मतदाता सूची दी गई। कलेक्टर ने कहा कि सभी सही है न तो अफसर द्वारा आश्वासन दिया गया की पूरी सूची सही है जिस पर तत्कालीन कलेक्टर भव्या मित्तल ने साइन कर दी थी। जिसके बाद पता चला कि यह मतदाता सूची गलत तरीके से बनी है। जिस पर उन्होंने अपने अधिकारियों से जांच करवाई जांच में भी त्रुटियां पाई गई। जिसके बाद कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदारों को जांच करने के निर्देश दिए। जांच में त्रुटियां पाई गई। कलेक्टर ने नाराज होते हुए मतदाता सूची में त्रुटियां मिलने पर अपने अधिकारियों से सही मतदाता सूची तैयार करवाई। और उस समय के तत्कालीन प्रबंध संचालक और जे आर इंदौर BL मकवाना के खिलाफ नाराजगी जताते हुए तत्कालीन कलेक्टर भव्या मित्तल ने एक शिकायती पत्र लिखा निर्वाचन प्राधिकरण को जिस में उन्होंने मांग की इन पर कार्यवाही की जाए। और उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले दो अधिकारी रमेश चंद्र वारंगे और गौरव पटेल को तत्काल स्पेंड कर दिया।
उसके बाद दावे आपत्ति बुलाई गई जिसमें निर्वाचन अधिकारी को यह जांच करना थी कि नाम सही है या गलत है या लिंग महिला है या पुरुष है या कोई पात्र है या नहीं पात्र है या किसी का नाम छूट गया है तो उसको सम्मिलित करना था। लेकिन निर्वाचन अधिकारी द्वारा बिना किसी यह प्रक्रिया पूरी किए बिना अपने मन मर्जी से ही उसमें फेरबदल कर दिया। उसके बाद समिति के यह दो लोगों ने जबलपुर हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की।
एक महीने बाद BL मकवाना को प्रशासक का चार्ज दे दिया। जबकि चार्ज भोपाल से कलेक्टर को देना था जिस में साफ हो रहा था कि यह हमेशा की तरह चुनाव प्रभावित करवाना चाह रहे हैं। शिव कुमार सिंह किसान हितैषी समिति के सदस्यों को यह मंजूर नहीं था।
शिव भैया द्वारा बनाए गए इस संस्था पर हमला भी था
जिसको लेकर एक और पिटीशन दायर की गई। जिसमें यह कहा गया कि जिस व्यक्ति पर लगातार जांच चली आ रही है। जिस व्यक्ति पर कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का केस चल रहा है। जिस के खिलाफ कलेक्टर ने कार्रवाई का लेटर लिखा हुआ है। लेकिन चलती हुई चुनाव प्रक्रिया के बीच इस व्यक्ति को कैसे इस प्रशासक के पद पर बैठा दिया गया है। जिसको कोर्ट ने सही मानते हुए शिवकुमार सिंह किसान हितैषी समिति के पक्ष में फैसला सुनते हुए ईस्टे दे दिया। कोर्ट के आदेश की मंशा यह है कि कलेक्टर को चार्ज दिया जाए। जिस से किसानों की जीत हुई है।




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