शिवराज कैबिनेट का बड़ा फेरबदल दिसंबर में,,

 शिवराज कैबिनेट का बड़ा फेरबदल दिसंबर में,,


भोपाल

_शिवराज सिंह चौहान सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में होने जा रहा है।


इसमें 10 से 12 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। वर्तमान में मुख्यमंत्री को मिलाकर कैबिनेट में 31 सदस्य हैं। चार पद रिक्त हैं। इन चार पदों के साथ नॉन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बदला जा सकता है। हाल ही में हुई दो कोर कमेटियों में इस पर सहमति बन गई है, क्योंकि कुछ मंत्रियों की शिकायतें भी कोर कमेटी तक पहुंची हैं।_


बदले जाने वाले चेहरों की कसौटी पर सिंधिया कोटे के भी लोग शामिल


_उनके कोटे से 6 कैबिनेट और तीन राज्यमंत्री हैं। मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल नवंबर माह में ही संभावित था, लेकिन अब इसे गुजरात चुनाव तक रोका गया है। गुजरात के नतीजे 8 दिसंबर को आ जाएंगे। इसके बाद मप्र में विधानसभा का शीतकालीन सत्र होगा। इसी के बाद बदलाव होगा। केंद्रीय भाजपा की तरफ से हरी झंडी मिल गई है।_


नए दावेदार


एससी से भोपाल के विष्णु खत्री, गुना के जजपाल सिंह जज्जी और जतारा से हरीशंकर खटीक |


ब्राह्मण कोटे से अभी नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव हैं, नया नाम रीवा से राजेंद्र शुक्ला व शरदेंदु तिवारी, कटनी से संजय सत्येंद्र पाठक और भोपाल से रामेश्वर शर्मा हो सकते हैं।


ओबीसी से मनोज चौधरी व महेंद्र हार्डिया |


एसटी से सुलोचना रावत ।


 में चेतन कश्यप ।


*ये मंत्री हट सकते हैं


_मौजूदा कैबिनेट के 6 मंत्रियों पर सत्ता और संगठन दोनों की नजर है। इसमें बुंदेलखंड के दो, मालवा-निमाड़ से एक, ग्वालियर संभाग के एक, मध्यभारत से एक और विंध्य से एक मंत्री शामिल हैं।



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विजय शाह वन मंत्रीएम हटाए जा सकते हैं क्योंकि इनके खिलाफ EOW की जांच चल रही है और चुनाव में दाग अच्छे नहीं होते। 


*प्रद्युम्न सिंह तोमर ऊर्जा मंत्री-* हटाए जाने की प्रबल संभावना है क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय से एक कागज आया है।


इंदर सिंह परमार स्कूल शिक्षा मंत्री-कंप्यूटर-टीवी घोटाले में भले ही लोक शिक्षण संचालनालय ने खबर को गलत बता दिया हो परंतु संगठन से कुछ भी छुपा नहीं है। चुनाव में तनाव नहीं चाहिए इसलिए हटाए जा सकते हैं।


*मोहन यादव उच्च शिक्षा मंत्री-आत्ममुग्धता के कारण हटाए जा सकते हैं। अपने आप को महान नेता मानते हैं जिसने नई शिक्षा नीति लागू की परंतु सरकारी कॉलेजों के अतिथि विद्वान नाराज हैं और विद्यार्थियों में सरकार के प्रति असंतोष पैदा कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नाराज है, और भाजपा की सरकार में परिषद से पंगा लेकर कोई शिक्षा मंत्री तो नहीं बन सकता। 


*तुलसी सिलावट* वैसे तो सिंधिया समर्थक विधायक दल के नेता हैं परंतु पार्टी सूत्रों का कहना है कि कारम बांध मामले में प्रधानमंत्री की नाराजगी सामने आई थी। इस आधार पर मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है और फिर महाराज साहब भी मना नहीं कर पाएंगे। 


*विश्वास सारंग उच्च शिक्षा मंत्री-* राष्ट्रीय महासचिव श्री अनिल जैन के आशीर्वाद से मंत्री बने थे। खास बात यह है कि इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इच्छा शामिल नहीं थी। अब क्योंकि श्री अनिल जैन पावर में नहीं है इसलिए विश्वास सारंग को संगठन का काम लिया जा सकता है। इसके कारण भोपाल के कोटे से एक कुर्सी खाली होगी जो रामेश्वर शर्मा को मिल सकती है।


राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ और ब्रजेंद्र सिंह यादव को खराब प्रदर्शन के चलते हटाए जाने की पूरी संभावना है।


उषा ठाकुर संस्कृति मंत्री को हटाया जा सकता है क्योंकि उन्होंने कोई खास उपलब्धि प्राप्त नहीं की और फिर वैसे भी यह मंत्रालय उनकी पहचान के विपरीत है। उनके स्थान पर महेंद्र हार्डिया या मालिनी गौड़ को शामिल किया जा सकता है।


यदि मोहन यादव को हटाया जाता है तो उनकी जगह श्रीमती कृष्णा गौर को उच्च शिक्षा मंत्रालय दिया जा सकता है। 

यदि विजय शाह को हटाया जाता है तो जातीय संतुलन के लिए नंदनी मरावी जबलपुर को कैबिनेट में जगह मिलेगी। 

अजय विश्नोई का टिकट काटना है तो उन्हें कैबिनेट में शामिल करके चुनावी राजनीति से रिटायर किया जा सकता है।

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